Deprecated: Methods with the same name as their class will not be constructors in a future version of PHP; Crypt_RC4 has a deprecated constructor in /home/cpsglobal/public_html/sites/all/modules/olsys_ebs/rclib/Rc43.php on line 44
केवल ईश्वर ही एक पेड़ बना सकते हैं | CPS International

केवल ईश्वर ही एक पेड़ बना सकते हैं

मौलाना वहीदुद्दीन खान | सोलवेदा | 17 May 2022

एमर्सन कहते हैं, प्रकृति भी काम करती है। “हर एक के लिए सब कुछ और सबके लिए हर एक की विधि पर काम करती है”। यानी एक समूह के सभी सदस्य हर एक सदस्य का समर्थन करते हैं और हर एक सदस्य समूह का समर्थन करता है। यह ब्रह्मांड में काम करने के तरीके को सारांशित करता है। प्रकृति में अनगिनत शक्तियां हैं, जो एक-दूसरे के साथ पूरे तालमेल से अद्भुत लय के साथ काम करती है।

ईश्वर ने इस उदाहरण को यूनिवर्सल पैमाने पर स्थापित किया है। इंसान को प्रकृति में प्रदर्शित इसी पैटर्न का पालन करना चाहिए। हर एक इंसान को समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए अपना जीवन जीना ज़रूरी है और समाज को इंसानों की भलाई के लिए काम करना चाहिए। इस तरह समाज और इंसान के काम में आपस में तालमेल होना चाहिए।

ईश्वर ने ब्रह्मांड के रूप में एक आदर्श स्थापित किया है, जो हितों के संतुलन को बनाए रखने के लिए एक अपील कर रहा है और इंसान के लिए ईश्वर की पसंद और नापसंद को स्पष्ट कर रहा है। अगर इंसान इस सार्वभौमिक संदेश पर ध्यान दे, तो उसे निश्चित रूप से सीधे रास्ते पर ले जाया जा सकता है। यानी वह रास्ता, जो ईश्वर की कृपा पाने योग्य होगा।

आइए, हम ब्रह्मांड की तुलना में एक पेड़ का उदाहरण लें। ब्रह्मांड में गर्मी, गुरुत्वाकर्षण, हवा, पानी आदि अनगिनत तत्वों में से कुछ फिजिकल तत्व हैं। सब कुछ बिल्कुल एक पेड़ की ज़रूरतों के अनुसार है। सूर्यास्त से लेकर बैक्टीरिया तक सभी चीज़ें पेड़ के लिए पोषण का काम करती हैं। वे एक पेड़ की ज़रूरतों को पूरा करतीं हैं।

इसी तरह एक पेड़ अपने आस-पास की किसी भी चीज़ से संघर्ष किए बिना धीरे-धीरे बढ़ता है। इसकी लकड़ी, टहनियों और फलों से दुनिया को फायदा पहुँचता है, यहाँ तक कि वह कार्बन डाइऑक्साइड अंदर लेता है और ऑक्सीजन बाहर निकालता है, दुनिया की ज़रूरतों के अनुसार। इंसान से भी समाज और उसके बीच इसी तालमेल की अपेक्षा की जाती है। इसके अलावा इंसान की सफलता का कोई दूसरा रास्ता मौजूद नहीं है।