निराशा नहीं
Submitted by admin1 on Wed, 11/30/2022 - 11:24मौलाना वहीदुद्दीन खान | सोलवेदा | 4 नवंबर 2022
लिंकन के जीवन को एक व्यक्ति ने कुछ शब्दों में इस प्रकार बयान किया है ;
एक व्यक्ति 1831 में व्यापार में असफल हो गया।
उसने 1832 में राजनीति में हार खाई।
1834 में दोबारा उसको व्यापार में असफलता मिली।
1841 में उस पर स्नायु तंत्र का दौरा पड़ा।
1843 में वे चुनाव में खड़े हुए मगर हार गए।
1858 के चुनाव में उनको दोबारा हार मिली।